डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल, अगले साल तक तैयार हो जाएगा। ये पुल दिसंबर 2022 तक पहली बार ट्रेन से कश्मीर घाटी को शेष भारत से जोड़ देगा। पिछले एक साल में पुल का निर्माण कार्य तेज किया गया है। रविवार को अधिकारियों इसकी जानकारी दी। इसकी डिजाइनिंग इस तरह की है कि यह 266 किलोमीटर प्रति घंटे तक की हवा को झेल सकता है।
दिल्ली के कुतुब मीनार और एफिल टॉवर से भी ऊंचा
इस पुल का सेंट्रल स्पैन 467 मीटर है और बेड लेवल से 359 मीटर की ऊंचाई पर बनाया जा रहा है। दिल्ली में कुतुब मीनार की ऊंचाई 72 मीटर है और पेरिस में एफिल टॉवर की ऊंचाई 324 मीटर है। निर्माणकर्ता कंपनी ने पुल की मजबूती को लेकर 120 साल की वारंटी दी है, जबकि उसका दावा है कि पुल 500 साल तक टिका रहेगा।
915 मीटर स्पैन में केबल क्रैन टेक्नोलॉजी इस्तेमाल
पुल की चौड़ाई 13 मीटर है, जिसमें 150 मी. ऊंचे कुल 18 पिलर होंगे। पुल की भार वहन करने की क्षमता 500 टन होगी। रेलवे के 150 साल के इतिहास में ये पहला ऐसा पुल है जिसके 915 मीटर स्पैन में केबल क्रैन टेक्नोलॉजी इस्तेमाल की गई है। इतने लंबे स्पैन पर केबल क्रेन तकनीक दुनिया मे कही भी इस्तेमाल नहीं की गई है।
2004 में शुरू हुआ था पुल का काम
पुल का निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ था। लेकिन कई कारणों से यह बंद और शुरू होता रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर काम में तेजी लाने के निर्देश जारी किए हैं। रेलवे को इतनी ऊंचाई पर पुल का निर्माण करने में कई तरह की दिक्कतें भी आ रही हैं। खासकर मौसम की मार का सामना करना सबसे बड़ी समस्या है। हिमालयन रेंज के कारण यहां मौसम कभी भी बदल जाता है।
कटरा-बनिहाल सेक्शन को खोलने की तैयारी
जम्मू-कश्मीर में इससे पहले उधमपुर-कटरा (25 किलोमीटर), बनिहाल-काजीगुंड (18 किलोमीटर) और काजीगुंड-बारामुला सेक्शन (118 किलोमीटर) पहले ही खोला जा चुका है। अभी आखिरी कटरा-बनिहाल सेक्शन (111 किलोमीटर) काम चल रहा है। इस सेक्शन को दिसंबर 2022 तक खोलने की तैयारी है। इस सेक्शन में 174 किलोमीटर की सुरंगों में से 126 किलोमीटर का काम पहले ही पूरा हो चुका है।
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