डिजिटल डेस्क, लखनऊ। कोरोना वायरस के चलते प्रदेश के विश्वविद्यालयों व डिग्री कालेजों में स्नातक व परास्नातक की परीक्षाओं को लेकर 2 जुलाई को योगी सरकार फैसला लेगी। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के कुलपति प्रो. एनके तनेजा की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने परीक्षाओं संबंधित अपनी र्पिोट सरकार को सौंप दी है।
सूत्रो के अनुसार उपमुख्यमंत्री डॉ़ दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में हुई महत्वपूर्ण बैठक में कमेटी के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक रूप से सहमति बन गई है। हालांकि औपचारिक घोषणा दो जुलाई तक ही की जाएगी। प्रदेश के 18 राज्य विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के 48 लाख से अधिक विद्यार्थियों पर इसका असर होगा। उपमुख्यमंत्री डा़ दिनेश शर्मा ने कहा कि 2 जुलाई को इस विषय पर फैसला होगा।
उच्च शिक्षा विभाग ने कोरोना संकट के दौरान विश्वविद्यालयों की परीक्षाओं के आयोजन के लिए चार सदस्यीय समित गठित की थी। समिति अपनी र्पिोट डॉ. दिनेश शर्मा को सौंपते हुए दूसरे प्रदेशों की तर्ज पर यूपी में भी विवि की परीक्षाएं नहीं कराने और विद्यार्थियों को बिना परीक्षा के प्रोन्नत करने का सुझाव दिया है।
इस कमेटी की रिपोर्ट को देखते हुए अब प्रोन्नति पिछली कक्षा में मिले अंक के आधार पर दी जाए या सभी विषयों में मिले अंक में से जिस विषय में ज्यादा अंक मिले हैं उसे आधार मानकर रिजल्ट तैयार किया जाए, इन सब पर मंथन किया जा रहा है। अगर सरकार समिति की सिफारिश को मान लेती है, तो करीब 48 लाख छात्रों को पदोन्नत किया जाएगा।
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