डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसान 50 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच कल 12 बजे विज्ञान भवन में सरकार के साथ किसान नेताओं की 9वें दौर की बैठक होगी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बोले कि हमें उम्मीद है कि किसानों के साथ अगले दौर की बातचीत सकारात्मक होगी।
नए कृषि कानूनों के मसले का समाधान के लिए सुप्रीम कोर्ट की पहल के बावजूद केंद्र सरकार आंदोलन की राह पकड़ किसान नेताओं के साथ वार्ता जारी रखेगी। केंद्रीय कृषि मंत्रालय के सूत्र ने गुरुवार को बताया कि किसान नेताओं के साथ वार्ता पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को दिन के 12 बजे किसान प्रतिनिधियों के साथ मंत्रि-स्तरीय वार्ता होगी।
कृषि मंत्री के बयान के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा, ’26 जनवरी को हम अपनी रैली लालकिले से इंडिया गेट तक निकालेंगे। इसके बाद सभी किसान अमर जवान ज्योति पर इकट्ठा होंगे और वहां तिरंगा फरहाएंगे। यह ऐतिहासिक होगा, जहां एक तरफ किसान होंगे और दूसरी तरफ जवान।’
#WATCH | “On Jan 26, we’ll take out a procession from Red Fort to India Gate. We will hoist the flag where we’ll meet at the Amar Jawan Jyoti. It will be a historic scene where on one side we will have ‘kisan’ and on the other side, ‘jawan’,” says BKU Spokesperson Rakesh Tikait pic.twitter.com/aF6JGk1UnP
— ANI (@ANI) January 14, 2021
किसानों कि दो मांगे बचीं
उधर भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने बताया कि शुक्रवार को 12 बजे किसान संगठनों के प्रतिनिधि सरकार के साथ वार्ता के लिए जाएंगे, जिसमें वह भी शामिल होंगे। नौवें दौर की वार्ता का मुख्य विषय क्या होगा? इस सवाल पर हरिंदर सिंह ने कहा कि किसानों की सिर्फ दो मांगें बची हैं जो प्रमुख हैं और इनमें से पहली मांग तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की है। इस मांग के पूरी होने पर ही किसान नेता दूसरी मांग पर चर्चा करेंगे।
अब तक 8 दौर की वार्ताएं रहीं बेनतीजा
सरकार के साथ किसान नेताओं के बीच इस मसले को लेकर आठ दौर की वार्ताएं बेनतीजा रही हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने नये कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई के बाद मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर रोक लगा दी और शीर्ष अदालत ने मसले के समाधान के लिए विशेषज्ञों की एक कमेटी का गठन कर दिया जिसमें चार सदस्यों को नामित किया गया है। हालांकि कमेटी में शामिल एक सदस्य भाकियू नेता भूपिंदर सिंह मान ने खुद को कमेटी से अलग करने की घोषणा की है।
किसानों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी से बात करने से किया इनकार
आंदोलनकारी किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सामने जाने से मना कर दिया है। नये कृषि कानूनों के विरोध में किसान के आंदोलन का गुरुवार को 50वां दिन है और देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का कहना है कि जब तक नये कृषि काननू वापस नहीं होंगे तब तक उनका आंदोलन चलता रहेगा।
कानून वापसी तक प्रदर्शन जारी रहेगा : टिकैत
भारतीय किसान यूनियन (BKU) के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकारें 5 साल तक काम कर सकती हैं, तो किसान इतने वक्त तक प्रदर्शन क्यों नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, लेकिन कमेटी से खुश नहीं हैं। हमारा प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार कानून वापस नहीं ले लेती।
18 जनवरी को महिलाएं प्रदर्शन करेंगी
बुधवार को दिल्ली बॉर्डर पर किसान जत्थेबंदियों की दिनभर बैठकों का दौर चला। किसान संगठनों ने दावा किया कि लोहड़ी पर पंजाब समेत पूरे देश में 20 हजार से ज्यादा जगहों पर कृषि कानूनों की कॉपी जलाई गईं। किसान नेता हरमीत सिंह कादियां ने बताया कि बैठक में फैसला लिया गया है कि 18 जनवरी को महिलाएं देशभर में हर जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करेंगी।
26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड की तैयारियां तेज
परेड को लेकर पंजाब में किसान जत्थेबंदियों के सदस्य और ग्रामीण बड़े स्तर पर तैयारियों में जुटे हैं। सुबह-शाम घर-घर जाकर किसान परिवारों को जागरूक किया जा रहा है। प्रदेश भर में वॉलंटियर्स की भर्ती की जा रही है। महिलाएं ट्रैक्टर चलाकर प्रैक्टिस कर रहीं हैं। दोआबा में जहां हर गांव से 10-20 ट्रैक्टर ले जाने की तैयारी है। वहीं, संगरूर के गांव भल्लरहेड़ी में फैसला लिया है कि गांव के हर परिवार का एक सदस्य दिल्ली जाएगा।
बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर स्थित प्रदर्शन स्थल सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के करीब 40 किसान संगठनों के नेताओं की अगुवाई में किसानों का प्रदर्शन चल रहा है।
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