नई दिल्ली, 3 जुलाई (आईएएनएस)। भारत के सेवा क्षेत्र में गिरावट की गति जून में और कमजोर हुई है। यह जानकारी शुक्रवार को एक मैक्रो-इकॉनॉमिक सर्वे रिपोर्ट में सामने आई है।
परिणामस्वरूप, भारत के सकल कारोबारी गतिविधि में भी गिरावट की दर धीमी हुई है। सकल कारोबारी गतिविधि में सेवा और विनिर्माण दोनों सेक्टरों के आउटपुट शामिल होते हैं।
सूचकांक रीडिंग के संदर्भ में आईएचएस मार्किट इंडिया सर्विसिस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स जून में 33.7 दर्ज किया गया, जबकि मई में यह अभूतपूर्व रूप से 12.6 के निचले स्तर पर था। लेकिन यह अभी भी लगातार चौथे महीने 50 के तटस्थ बिंदु के नीचे बना रहा, जो सेवा क्षेत्र के उत्पादन में एक और गिरावट का संकेत है।
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है, यद्यपि गिरावट की गति जून में और मंद हुई है, लेकिन यह अभी भी काफी मजबूत है, क्योंकि कोविड-19 महामारी ने नए काम पर ब्रेक लगा रखा है और कारोबारी संचालन बाधित कर रखा है।
रिपोर्ट में कहा गया है, गिरावट की मंद दर गतिविधि स्तर में कुछ स्थिरता को जाहिर करती है, क्योंकि लगभग 59 प्रतिशत कंपनियों ने कहा है कि मई से उत्पादन में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस बीच मात्र चार प्रतिशत ने वृद्धि दर्ज की, जबकि 37 प्रतिशत ने गिरावट दर्ज की।
इसी तरह कंपोजिट पीएमआई उत्पादन सूचकांक, जो सेवा और विनिर्माण उत्पादन को संयुक्त रूप से मापता है, जून में बढ़कर 37.8 हो गया, जो मई में 14.8 था। लेकिन यह अभी भी 50 के बिंदु से नीचे है, जो वृद्धि और गिरावट को अलग करता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, कुल मिलाकर निजी क्षेत्र की गतिविधि में गिरावट की दर मंद हुई है, फिर भी ताजा आंकड़े ने एक और डुबकी का संकेत किया है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है, विनिर्माण उत्पादन में गिरावट जहां मध्यम दर्जे की रही और यह स्थिरता के करीब दिखा, वहीं सेवा गतिविधि में लगातार काफी गिरावट देखी गई है।
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