तिरुवनंतपुरम, 18 जुलाई (आईएएनएस)। सोना तस्करी के मामले के तूल पकड़ने के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजय ने एम. शिवशंकर को अपने प्रधान सचिव और आईटी सचिव पद से हटा दिया है। हालांकि इससे पहले उन्होंने इन्हें क्लीनचिट दे दी थी। मगर अब इन्हें सेवा से निलंबित कर दिया है।
वरिष्ठ आईएएस अधिकारी शिवशंकर मुख्यमंत्री कार्यालय में सर्वेसर्वा माने जाते थे, इसलिए विजयन का उनका बचाव करना स्वाभाविक था।
इस मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) जल्द ही उनसे पूछताछ करेगी।
एनआईए ने मुख्य आरोपी पी.एस. सरित, स्वप्ना सुरेश और संदीप नायर को हिरासत में लिया है। इनके शिवशंकर के साथ ताल्लुकात रहे हैं।
इस मामले को लेकर शुरुआत में विजयन का रुख यूं तो सख्त रहा, लेकिन यहां शुक्रवार को हुई माकपा राज्य सचिवालय की बैठक में वह बचाव की मुद्रा में नजर आए।
विजयन का रुख तब सख्त हुआ, जब यह बात सामने आई कि मुख्य आरोपी स्वप्ना का आईटी विभाग में अहम पद पर तैनाती के लिए शिवशंकर जिम्मेदार हैं। स्वप्ना की नियुक्ति भारी-भरकम वेतन के साथ की गई, जबकि वह महज 10वीं पास है।
स्वप्ना के स्नातक प्रमाणपत्र की जांच शुरु हो गई है। यही प्रमाणपत्र पेश कर उसने आईटी विभाग में नौकरी पाई थी।
इस बीच, केरल की अपराध शाखा भी बैकफुट पर नजर आई, क्योंकि साल 2018 में केरल हाईकोर्ट द्वारा दिए गए जांच के आदेश के अनुपालन में उसने ढिलाई बरती और जांच पूरी करने में देरी की। वहीं, एयर इंडिया के एक अधिकारी को एक फर्जी पत्र को लेकर मुसीबत का सामना करना पड़ा। उनका मानना है कि उस पत्र को स्वप्ना और उसके करीबी सहयोगियों ने मिलकर तैयार किया।
एनआईए की टीम अब राजधानी शहर से आरोपियों के खिलाफ सबूत जुटा रही है, जहां तस्कर गिरोह सक्रिय था।
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