नई दिल्ली, 2 जून(आईएएनएस)। जब देश में लॉकडाउन हुआ तो गोवा में कोविड 19 की टेस्टिंग के इंतजाम नहीं थे। कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपल को हवाई जहाज से मुंबई या पुणे भेजना पड़ता था। मगर, यह पेशे से आयुर्वेदिक चिकित्सक रहे मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की कोशिशों का नतीजा था कि कुछ ही समय में गोवा में कोविड अस्पताल से लेकर सात लैब तैयार हो गईं।
यह गोवा मॉडल की सफलता का सबसे बड़ा सबूत है कि देश में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस का कहर झेल रहे महाराष्ट्र की सीमा से सटे होने के बावजूद गोवा में अब तक सिर्फ 70 मामले ही हैं।
काबिलेगौर है कि अप्रैल में कोरोना से मुक्त होने वाला गोवा देश का पहला राज्य बन गया था। हालांकि, अंतरराज्यीय परिवहन शुरू होने के बाद फिर से राज्य में कोरोना की चपेट में आया।
लेकिन, मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत की बनाई अचूक रणनीति को भेदने में कोरोना वायरस सफल नहीं हो सका है। देश में चर्चा का विषय बन चुके गोवा मॉडल को आज महाराष्ट्र भी जिलास्तर पर लागू कर काम कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में कहा कि राज्य में जल्द ही पर्यटन फिर से शुरू होगा। इसके लिए गृह मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का इंतजार किया जा रहा है।
महाराष्ट्र की सीमा से सटे होने के बावजूद गोवा में कोरोना का असर कम देखने को मिला है? इस सवाल पर मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा, गोवा संभवत: देश का इकलौता राज्य रहा, जिसने लॉकडाउन के पहले दिन से ही 24 घंटे काम करने वाला वॉर रूम स्थापित कर कोरोना के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत की। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में रोजाना बैठकें होती हैं। मैं भी समय-समय पर इसमें भाग लेता हूं।
उन्होंने कहा, मुझे बहुत खुशी और संतोष है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी गोवा मॉडल का संज्ञान लेते हुए महाराष्ट्र में जिला स्तर पर लागू करने का निर्देश दिया है। यह कोरोना से निपटने के लिए गोवा मॉडल की सफलता का सबसे बड़ा सबूत है। लॉकडाउन लगने के समय राज्य में परीक्षण की सुविधा नहीं थी। लेकिन सरकार ने तेज गति से कोविड अस्पताल सहित हर तरह की सुविधाएं स्थापित करने में सफलता हासिल कीं।
कोरोना मुक्त होने वाला देश का पहला राज्य बनने के बाद फिर कैसे गोवा कोरोना की चपेट में आ गया? यह पूछे जाने पर गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा कि सात संक्रमित व्यक्तियों के ठीक होने के बाद गोवा कुछ समय के लिए कोविड 19 मुक्त हो गया था। जिसके बाद से राज्य ने और अधिक सतर्कता बरतनी शुरू कर दी थी। राज्य में आने वाले हर व्यक्ति की टेस्टिंग का प्रोटोकॉल लागू हुआ। जिससे राज्य की सीमा में दाखिल होने वाले हर संक्रमित व्यक्ति की जल्द से जल्द पहचान हो सकी।
मुख्यमंत्री ने कहा, अंतरराज्यीय परिवहन शुरू होने के बाद बाहर फंसे राज्य के लोगों का आवागमन शुरू हुआ। राज्य में प्रवेश करते समय ही पॉजिटिव केसेज की पहचान की गई। इसलिए, यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि राज्य में हमने हर तरह की सावधानियां बरतकर सामुदायिक संक्रमण( कम्युनिटी स्प्रेड) को रोक रखा है।
प्रमोद सावंत ने कहा, गृहमंत्रालय की ओर से समय-समय पर जारी गाइडलाइंस का हम पालन कर रहे हैं। हालांकि, कई बार सावधानियों के लिहाज से हम गृहमंत्रालय से भी ज्यादा कठोर नियम-कायदे अपनाते हैं। गोवा के लोगों ने इस दिशा में सरकार का काफी साथ दिया है। अब हमारा प्रोटोकॉल है कि जो भी गोवा में दाखिल होगा, उसे 48 घंटे के भीतर आईसीएमआर से प्रमाणित लैब से जारी कोविड 19 निगेटिव सर्टिफिकेट पेश करना होगा या फिर उसे टेस्टिंग के लिए जाना होगा।
मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने राज्य सरकार के प्रयासों की जानकारी देते हुए बताया कि 29 मार्च तक गोवा में कोई टेस्टिंग लैब नहीं थी। जांच के लिए सभी नमूने फ्लाइट से मुंबई या पुणे भेजे जाते थे। लेकिन तेज गति से काम करते हुए गोवा की सरकार ने इलाज और टेस्टिंग के बुनियादी ढांचे पर काम शुरू किया। अब गोवा में कोरोना वायरस की जांच करने वालीं सात लैब संचालित हो रहीं हैं।
प्रमोद सावंद ने कहा, हर संकट से निपटने के लिए हम तैयार रहना चाहते हैं। साथ ही इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारियों की पहचान करने के लिए पूरे राज्य में घर-घर जांच-पड़ताल की गई है। ताकि कोविड 19 की आशंका को खारिज किया जा सके।
लॉकडाउन के कारण गोवा की रीढ़ मानी जाने वाली पर्यटन इंडस्ट्री टूट चुकी है। पर्यटन को पटरी पर लाने से जुड़े प्लान के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत कहते हैं कि पहले सुनामी, भूकंप, विनाशकारी बाढ़ और युद्ध दुनिया के कुछ ही हिस्सों तक सीमित थे, इसलिए दूसरे देश भी मदद करते थे। लेकिन इस महामारी के कारण सभी देश आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं। जब ऐसी परिस्थितियां होती हैं तो सबसे ज्यादा नुकसान टूरिज्म इंडस्ट्री का होता है। फिर भी मुझे भरोसा है कि जिस तरह से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में गोवा की सकारात्मक छवि बनी है, उससे राज्य में पर्यटन फिर से शुरू होगा। सरकार के साथ मिलकर पर्यटन उद्योग के सभी हितधारक काम करेंगे।
राज्य में पर्यटन के दरवाजे फिर से खुलने पर विदेशी पर्यटकों के आने पर कोरोना का खतरा बढ़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा, जहां तक कोरोना के खतरे का सवाल है तो अर्थव्यवस्था को खोलते समय हर मोर्चे पर सरकार सावधानियां बरतेगी। हालांकि, मुझे विश्वास है कि इसकी वैक्सीन जल्द उपलब्ध होगी और कोरोना इतिहास बन जाएगा। बहुत जल्द दुनिया में गतिविधियां सामान्य होंगी।
उन्होंने कहा, पर्यटन और खनन गोवा की अर्थव्यवस्था के मुख्य आधार हैं। हमने एक आर्थिक कमेटी का भी गठन किया है, जो पहले से ही टूरिज्म सहित हर सेक्टर को फिर से जिंदा करने के लिए रिपोर्ट दे चुकी है। हम टूरिज्म सेक्टर को खोलने के लिए गृहमंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय के मानक संचालन प्रक्रिया(एसओपी) का इंतजार कर रहे हैं। राज्य भी पर्यटन के लिए अलग से नियम-कायदे बनाएगा।
गोवा के मुख्यमंत्री ने फिल्म अभिनेत्री पूजा बेदी के उन आरोपों पर भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने क्वारंटाइन सेंटर में अव्यवस्थाएं होने की बात कही थी। इस पर प्रमोद सावंत ने कहा, मैं सबका सम्मान करता हूं। आपको यह समझना होगा कि हम सभी को समान सुविधाएं प्रदान करते हैं, किसी के साथ कोई भेद नहीं करते। मुझे लगता है कि वह उच्चस्तरीय आराम सुविधाएं चाहतीं थीं। हमें एक बात समझनी होगी कि हम संकट की स्थिति से गुजर रहे हैं, ऐसे में कोरोना के खिलाफ लड़ाई के इंतजाम में सरकार का सहयोग करना होगा न कि व्यक्तिगत पसंद-नापसंद देखनी चाहिए।
गोवा में कोरोना वायरस के इलाज आदि से जुड़ी सुविधाओं के बारे में मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने चर्चा की। उन्होंने कहा कि गोवा मेडिकल कॉलेज के अलावा एक ईएसआई अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है। दो सौ बेड और ऑक्सीजन सपोर्ट आदि की पूरी व्यवस्था है। हमारी मेडिकल टीम बेहद सक्षम और समर्थ है। किसी भी संकट से निपटने के लिए पूरी तरह से सक्षम है।
लॉकडाउन के समय गोवा में आठ हजार से ज्यादा विदेशी नागरिक फंसे थे। मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने बताया कि एक वरिष्ठ आईएएस अफसर को इस ऑपरेशन में लगाकर 35 देशों के नागरिकों को उनके वतन वापस भेजने की व्यवस्था हुई। प्रमोद सावंत ने कहा, हम अतिथि देवो भव की भावना के साथ काम करते हैं। लॉकडाउन में विदेशियों की सुविधाओं का ख्याल कर गोवा ने उनके दिल में जगह बनाई। कई दूतावासों ने इसके लिए गोवा सरकार की सराहना भी की।
विशेष पैकेज के सवाल पर मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के जरिए मोदी सरकार ने हर वर्ग की समस्याओं का समाधान करने की कोशिश की है। जहां तक गोवा की बात है तो केंद्र सरकार राज्य की जरूरतों का हमेशा से ध्यान रखती आई है। उम्मीद है कि सरकार आगे भी इसी तरह गोवा की मदद करेगी।
प्रमोद सावंत ने कहा, हमें लोगों के जीवन और आजीविका दोनों की रक्षा करने की जरूरत है। मुझे विश्वास है कि पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और मार्गदर्शन में हम इस महामारी से लड़ेंगे और इस युद्ध को जीतेंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में चल रही कोरोना के खिलाफ लड़ाई को मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सफल बताया। उन्होंने कहा, देश में लॉकडाउन सही दिशा में उठाया गया कदम रहा। पूरी दुनिया प्रधानमंत्री के निर्णय की प्रशंसा कर रही है। केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम लागू करके देश में महामारी की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय कदम उठाए। प्रधानमंत्री मोदी ने विभिन्न प्लेटफॉर्मो के माध्यम से स्थिति की व्यक्तिगत निगरानी की है। प्रधानमंत्री मोदी लगातार मुख्यमंत्रियों से संवाद करते रहे। दुनिया की स्थिति को देखते हुए मैं कह सकता हूं कि भारत एक बेहतर स्थिति में है।
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