नई दिल्ली, 1 अगस्त (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमि पूजन का स्वागत पहले ही किया था और अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी द्वारा उत्तर प्रदेश के नेताओं की बुलाई गई एक रणनीतिक बैठक में कांग्रेस नेताओं ने राम मंदिर मुद्दे पर चर्चा की और कुछ नेताओं ने इसपर अपने विचार भी जाहिर किए।
सूत्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों की एकता के लिए अभियान चला रहे जितिन प्रसाद जैसे नेताओं ने बैठक में कहा कि हर किसी को मंदिर निर्माण का स्वागत करना चाहिए।
संपर्क करने पर जितिन प्रसाद ने बैठक के बारे में तो कुछ बोलने से इंकार कर दिया, लेकिन उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी ने राम मंदिर निर्माण का पहले ही स्वागत किया है। यह प्रत्येक हिंदू के लिए और व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए एक आस्था का विषय है। मुझे खुशी है कि राम मंदिर का निर्माण हो रहा है।
लेकिन कुछ अन्य नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पहले ही स्वागत किया है। सूत्रों ने कहा कि प्रमोद तिवारी जैसे नेताओं ने कहा कि पार्टी को सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक सीमित रहना चाहिए, जिसका पार्टी ने पहले ही स्वागत किया है।
इस सप्ताह के प्रारंभ में प्रियंका गांधी द्वारा वर्चुअल तरीके से आयोजित उप्र कांग्रेस की रणनीतिक बैठक में उपस्थित नेताओं ने सुझाव दिया कि उन्हें देश को इस बात के लिए धन्यवाद देना चाहिए कि सभी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सम्मानपूर्वक स्वीकार किया।
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसके पहले कहा था, मैं अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का स्वागत करता हूं। देश के नागरिक इसका इंतजार कर रहे थे। मंदिर का निर्माण हरेक नागरिक की सहमति से हो रहा है, यह सिर्फ भारत में संभव है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय का स्वागत किया था, जिसके जरिए मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो सका है। पार्टी ने मंदिर निर्माण का भी स्वागत किया है और कहा है कि भूमि पूजन के लिए अतिथियों की सूची को लेकर कोई विवाद नहीं होना चाहिए और यह ट्रस्ट का अधिकार है कि वह किसे आमंत्रित करना चाहता है।
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन का कार्यक्रम प्रस्तावित है।
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने शुक्रवार को कहा था कि इंडियन नेशनल कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करती है, जिसके जरिए अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ है।
Source link