डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बुधवार को 14 अगस्त से विधानसभा सत्र बुलाने का आदेश जारी किया। राज्यपाल ने अपने आदेश में यह भी निर्देश दिया है कि कोरोनोवायरस के प्रसार को रोकने के लिए जारी दिशानिर्देशों के अनुसार विधानसभा सत्र के संचालन के दौरान सभी उपाय किए जाएं। गहलोत मंत्रिमंडल ने विधानसभा सत्र बुलाने के तीन बार प्रस्ताव ठुकराए जाने के बाद बुधवार को एक बार फिर संशोधित प्रस्ताव राजभवन को भेजा था। इससे सत्र आहूत करने के लिए 21 दिन के स्पष्ट नोटिस की अनिवार्यता पूरी हो गई जिस पर राज्यपाल कलराज मिश्र बार-बार जोर दे रहे थे। इसलिए राज्यपाल ने इसे मंजूरी दी है।
गहलोत क्यों बुला रहे सदन और क्यों टाल रहे थे राज्यपाल?
गहलोत सत्र बुलाने की मांग इसलिए कर रहे थे, क्योंकि वे सदन बुलाने के नाम पर विधायकों को सदन में शामिल होने के लिए व्हिप जारी करेंगे। और, यदि बागी विधायक व्हिप का उल्लंघन करते हैं तो स्पीकर के पास विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मजबूत और वैधानिक वजह होगी। अभी कोर्ट सदस्यता रद्द करने पर अड़ंगा लगा रहा है, क्योंकि व्हिप विधानसभा के बाहर जारी हुई थी। ये चाल भाजपा भी समझ रही है। इसलिए भाजपा यानी की केंद्र सरकार सदन बुलाने को लेकर देरी कर रही है। ये सेट प्रेक्टिस है कि राज्यपाल केंद्र सरकार के मुताबिक ही फैसले लेते हैं और राजस्थान में राज्यपाल कोरोना को वजह बताकर सत्र बुलाने से अब तक इनकार कर रहे थे।
विधानसभा अध्यक्ष ने फिर किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी ने एक बार सुप्रीम कोर्ट (SC) का रुख किया है। स्पीकर ने सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों को अयोग्य करार देने लिए जारी नोटिस पर यथा स्थिति बनाए रखने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
टाइमलाइन:
-14 जुलाई: सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष ने अयोग्यता का नोटिस दिया और 17 जुलाई को दोपहर 1:30 बजे तक जवाब मांगा।
-16 जुलाई: सभी 19 विधायकों ने नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया। उधर, व्हिप चीफ महेश जोशी ने सरकार की तरफ से कैविएट लगा दी कि कोई भी फैसला किए जाने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए।
-17 जुलाई: हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुनवाई की और दो जजों की बेंच में मामला भेजा। इस बेंच ने 18 जुलाई को सुनवाई तय की।
-18 जुलाई: हाईकोर्ट ने स्पीकर से कहा कि वे 21 जुलाई तक नोटिस पर कार्रवाई नहीं करें और अगली सुनवाई 20 जुलाई तय की।
-20 जुलाई: हाईकोर्ट ने बहस पूरी न हो पाने के कारण कहा- 21 जुलाई को भी सुनवाई होगी।
-21 जुलाई: हाईकोर्ट ने 24 जुलाई के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया। स्पीकर को भी तब तक के लिए कोई निर्णय नहीं करने के लिए कहा।
-22 जुलाई: स्पीकर सीपी जोशी हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।
-23 जुलाई: कोर्ट ने तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। शाम को पायलट खेमे ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की।
-24 जुलाई: हाईकोर्ट ने विधायकों की अयोग्यता को नोटिस को चुनौती देने वाली याचिका को सही मानते हुए विधानसभा अध्यक्ष के नोटिस पर रोक लगा दी। कोर्ट ने यथास्थिति बरकरार रखने को कहा है। इस मामले की सुनवाई आगे जारी रहेगी।
-27 जुलाई: राजस्थान विधानसभा स्पीकर ने 19 विधायकों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से याचिका वापस ली।
-29 जुलाई: स्पीकर ने फिर से सचिन पायलट समेत 19 बागी विधायकों को अयोग्य करार देने लिए जारी नोटिस पर यथा स्थिति बनाए रखने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
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