डिजिटल डेस्क, ग्वालियर। मध्यप्रदेश में मंत्रियों के विभाग वितरण में हो रही देरी के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को एक बयान में कहा कि विभागों का वितरण रविवार को किया जाएगा। सीएम शिवराज शनिवार को ग्वालियर के दौरे पर कोरोना संक्रमण की समीक्षा के लिए पहुंचे थे। संवाददाताओं से चर्चा के दौरान चौहान से जब मंत्रियों के विभागों के वितरण में हो रही देरी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि यह मेरा काम है। अच्छा, आज ग्वालियर में कह रहा हूं, कह दूं कल कर दूंगा।
ज्ञात हो कि राज्य में चौहान मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार दो जुलाई को हुआ था। तब 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी, जिनमें 20 कैबिनेट और आठ राज्यमंत्री हैं। इन मंत्रियों को 9 दिन बाद भी विभागों का वितरण नहीं हो पाया है। इस मसले को लेकर भोपाल और दिल्ली में भाजपा नेताओं के बीच लगातार चर्चाओं का दौर जारी रहा है। चौहान दिल्ली दौरा कर चुके हैं और पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि वर्क आउट कर रहे हैं। जल्दी ही विभाग वितरण हो जाएगा।
7 जुलाई को सीएम ने कहा था- वर्कआउट करूंगा और जल्दी बांट दूंगा
इससे पहले 7 जुलाई को तीन दिवसीय दिल्ली के दौरे से भोपाल लौटने के बाद चौहान ने एक सवाल के जवाब में भोपाल में मीडिया से कहा था कि मंत्रिपरिषद का विस्तार तो हो गया। विभाग अब बंटने वाले हैं। आज (सात जुलाई को) और वर्कआउट करूंगा थोड़ा और जल्दी बांट दूंगा’, लेकिन इसके चार दिन बाद भी मंत्रियों को विभाग नहीं मिले हैं।
कांग्रेस के 14 बागी नेताओं को बनाया मंत्री
सिंधिया खेमे के दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत पहले से ही हैं। इसी के साथ कमलनाथ की पूर्व सरकार गिराने वाले 22 बागियों में से 14 बागी मंत्री बने हैं। ये सभी 14 मंत्री वर्तमान में विधायक नहीं हैं। इनमें से अधिकतर सिंधिया समर्थित नेता हैं। सूत्रों का कहना है कि बड़े विभागों को लेकर एकराय नहीं बन पा रही है। राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थक मंत्रियों को कमलनाथ सरकार में आवंटित विभागों के साथ कुछ अतिरिक्त विभाग दिलाना चाहते हैं। इनमें वे विभाग भी शामिल हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री वरिष्ठ मंत्रियों को देने की मंशा रखते हैं। यही वजह है कि तालमेल नहीं बन पा रहा है।
अभी मंत्रिमंडल में भाजपा के 19 ही मंत्री बने
वर्तमान में भाजपा के 107 विधायक हैं। इनमें सिर्फ 19 को मंत्री बनाया गया है। मंत्रिमंडल में सिंधिया खेमे से 9 और कांग्रेस से भाजपा में आए 3 को मंत्री बनाया गया है। इनमें 8 मंत्री ग्वालियर-चंबल इलाके से हैं। यहां 16 सीटों पर उपचुनाव हैं। राज्य में 24 सीटों पर विधानसभा का उपचुनाव होना है। सिंधिया समर्थक 6 मंत्रियों समेत 22 विधायकों के कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद 20 मार्च को कमलनाथ को इस्तीफा देना पड़ा था और 15 महीने पुरानी कांग्रेस सरकार गिर गई थी। 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके 28 दिन बाद 5 मंत्रियों वाली मिनी कैबिनेट ने 21 अप्रैल को शपथ ली थी।
सिंधिया की मांग
वहीं सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस से बीजेपी में आए सिंधिया इनमें से कई विभाग अपने विश्वासपात्रों को दिए जाने के लिए जोर लगा रहे हैं। पिछली कमलनाथ सरकार के दौरान सिंधिया समर्थकों के पास स्वास्थ्य, परिवहन, महिला और बाल विकास और स्कूली शिक्षा के विभाग थे। माना जा रहा है कि सिंधिया ने इन सभी विभागों को भी अपने समर्थकों को दिए जाने की मांग की है।
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