नई दिल्ली, 2 अगस्त (आईएएनएस)। बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की संदिग्ध मौत से जुड़े मामले की जांच में जुटी बिहार पुलिस की टीम को अब अपने एक तेजतर्रार आईपीएस अफसर का साथ मिलेगा। बिहार पुलिस में सिंघम का दर्जा रखने वाले भारतीय पुलिस सेवा (भापुसे) के अधिकारी विनय तिवारी मुंबई रवाना हो चुके हैं।
बिहार पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने रविवार को आईएएनएस को बताया कि पटना नगर (मध्य) के पुलिस अधीक्षक विनय तिवारी को मुम्बई के रवाना हो चुके हैं।
तो फिर कौन हैं विनय तिवारी…
उप्र के ललितपुर निवासी और 2015 बैच के आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को बहुमुखी प्रतिभा का धनी माना जाता है। साल 2019 में उनको पटना सेंट्रल का नया सिटी एसपी बनाया गया था। इससे पहले वह गोपालगंज में सदर एसडीपीओ पद पर तैनात थे। गोपालगंज में विनय तिवार की छवि सिंघम वाली थी।
हाल ही में विनय तिवारी एक अलग कारण से सुर्खियों मे आए थे। कोरोना महामारी के बीच विनय तिवारी ने एक शानदार कविता लिखी। यह कविता उनके आधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर एक वीडियो के माध्यम से आज भी मौजूद है।
अपनी कविता को वीडियो के माध्यम से साझा करते हुए विनय तिवारी ने लिखा, भीषण महामारी से हम सभी व्यथित है। उसी महामारी की त्रासदी और उस पर विजय पाने की एक कल्पना इस काव्य के माध्यम से की है। आप सभी को शायद इस काव्य से महामारी से लडने के लिए कुछ शक्ति मिले और मुझे आपका आशीर्वाद और प्यार मिले।
वीर रस में लिखी इस कविता का वाचन विनय तिवारी ने एक नदी में नाव में बैठे हुए किया और इसे हिंदी के मशहूर कवि डा. कुमार विश्वास से भी साझा किया।
यही नहीं, तिवारी गणित के जानकार हैं और मैथेमैटिक्स एंड प्रींसिपल आफ लाइफ नाम की एक पुस्तक भी लिख रहे हैं।
तिवारी नैसर्गिक हैं। हर विषय में उनकी रुची है। अभिनता इरफान खान के निधन पर तिवारी ने छोटी सी कविता के माध्यम से उन्हें श्रृद्धांजलि दी। यह कविता कुछ यू है-
जीवन आपसे पहले
कुछ और था
आपके जाने के बाद
अब कुछ और हो गया।.
सब इरफान हो गया।
सर्वदा आपका कृतज्ञ हो गया।
गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले विनय तिवारी को अपने पिता का सपना सच करने के लिए प्रशासनिक सेवा में आए। इससे पहले वह, बनारस हिन्दु युनिवर्सिटी (बीएचयु) से आईआईटी में ग्रेजुएट हुए। जब उन्होंने आईआईटी, बीएचयू से इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की थी तो नौकरी करना चाहते थे, लेकिन पिता ने उन्हें प्रेरित किया। आईआईटी की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्हें अच्छी नौकरी मिल रही थी लेकिन पिता ने यूपीएससी के लिए प्रेरित किया।
विनय अपने पिता का ख्वाब पूरा करने चाहते थे, इसलिए तैयारी करने के लिए दिल्ली चले गए। दिल्ली में रहकर ही यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन पहले प्रयास में असफल रहे। पहले प्रयास में जब उनका चयन नहीं हुआ तो भी पिता ने उनका हिम्मत बांधी। पिता ने कहा कि बड़ी परीक्षा में पहले प्रयास में ही सफलता नहीं मिलती।
अब दोबारा उन्होंने परीक्षा दी और इस बार सफल रहे विनय तिवारी आज भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को अपने ब्लॉग-ड्रीमस्ट्रगलबीपॉजिटिव के जरिये टिप्स देते हैं।
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