नई दिल्ली, 31 जुलाई (आईएएनएस)। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से सुशांत सिंह राजपूत मामले में नियुक्त किए गए वकील ईश्वरन सिंह भंडारी दिवंगत अभिनेता को न्याय दिलाने के लिए एक जन आंदोलन शुरू करना चाहते हैं।
वकील और राजनीतिक विश्लेषक भंडारी को लगता है कि मामले में सीबीआई जांच अनिवार्य हो गई है, ताकि बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस के बीच चल रही तनातनी से बचा जा सके।
पिछले महीने सुशांत की कथित आत्महत्या के बाद खबरें सामने आई थी कि उन्होंने अवसाद में यह कदम उठाया है। सुशांत के प्रशंसक उन कारकों के बारे में सोचने लगे कि सुशांत की जिंदगी में ऐसा क्या घटित हो रहा था, कि उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया।
कहानी में एक मोड़ तब आया, जब यह पता चला कि दिवंगत अभिनेता के पिता के.के. सिंह ने बिहार में सुशांत की प्रेमिका और बॉलीवुड अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती सहित छह लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है। बिहार पुलिस की एक टीम फिलहाल मुंबई में मामले की जांच कर रही है।
भंडारी ने आईएएनएस से कहा, जुलाई के पहले सप्ताह से मैं इस मामले का अध्ययन करने के बाद कह रहा हूं कि इसमें सीबीआई जांच की जरूरत है। दुर्भाग्य से मुंबई पुलिस ने अब तक एक भी एफआईआर दर्ज नहीं की है। एक एफआईआर एक आपराधिक अपराध की जांच का पहला कदम होता है। उन्होंने अभी तक पहला कदम भी नहीं उठाया है।
उन्होंने कहा, उनका परिवार बिहार गया और बिहार पुलिस ने अब एक आपराधिक मामला दर्ज किया है, जिसकी वे जांच कर रहे हैं। लेकिन बिहार पुलिस कुछ न्यायिक मुद्दों के साथ-साथ तार्किक मुद्दों का भी सामना करेगी, क्योंकि कानून और व्यवस्था राज्य का मामला है।
वकील ने कहा, हर कोई न्याय चाहता है और हम पहले ही इस मामले में 45 दिन और अधिक समय बर्बाद कर चुके हैं। साक्ष्य खो जाता है और सबूतों में छेड़छाड़ हो जाती है। इसलिए न्याय और पारदर्शिता के हित में, यह सबसे अच्छा है कि मामला अब सीबीआई के पास चला जाए। इसलिए भी, क्योंकि केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय भी पहले से ही मनी लॉन्ड्रिंग कोण से इस मामले को देख रही है।
वकील ने कहा, एक केंद्रीय एजेंसी वैसे भी शामिल होने जा रही है। इसलिए इस मामले एक केंद्रीय एजेंसी को सौंपना चाहिए। मुंबई पुलिस ने निष्पक्ष जांच की होती और एफआईआर दर्ज होती तो इसकी आवश्यकता शायद नहीं होती। इसका हल सीबीआई जांच है, न कि बिहार और मुंबई सरकार के बीच घमासान युद्ध और लंबी अदालती कार्यवाही। बस इसे सीबीआई को सौंप दें। न्याय दिलाएं और सुशांत सिंह राजपूत मामले की गहन जांच हो।
सुशांत को 14 जून को मुंबई में उनके घर में फांसी के फंदे से लटका पाया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि अभिनेता ने आत्महत्या की है।
भंडारी को लगता है कि यह पूरी तरह से गलत है कि यह महज आत्महत्या का मामला है।
सुशांत के लिए न्याय की मांग करने वाले वकील ने हाल ही में एक शांतिपूर्ण डिजिटल विरोध प्रदर्शन हैशटैग कैंडल 4एसएसआर शुरू किया है।
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