लखनऊ, 30 मई (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला साल ऐतिहासिक रहा। सालभर में उन्होंने जो काम किया, वर्षो से देश के लिए चुनौती बनी बड़ी समस्याओं के हल के लिए उन्होंने जो जज्बा दिखाया, वह खुद में युगांतकारी और बेमिसाल है।
मुख्यमंत्री योगी ने अपने जारी बयान में कहा कि वर्षो से देश के लिए नासूर बने अनुच्छेद 370 की एक झटके में समाप्ति, तीन तलाक की कुप्रथा का अंत, आतंकवाद विरोधी अधिनियम को लागू करना और अयोध्या में राम जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करना इसका सबूत है। जम्मू-कश्मीर में 70 वर्षो से नासूर बने अनुच्छेद 370 के खात्मे के निर्णय से 130 करोड़ देशवासियों का एक भारत-श्रेष्ठ भारत का सपना साकार हो गया।
उन्होंने कहा कि कि अभूतपूर्व और अप्रत्याशित वैश्विक महामारी कोरोना के संकट से प्रधानमंत्री की अगुआई में जो जंग लड़ी जा रही है, वह भी पूरी दुनिया के लिए नजीर है। इस जंग के दौरान लॉकडाउन में उन्होंने सबसे प्रभावित तबके के हित पर सर्वाधिक ध्यान देकर अनुकरणीय कार्य किया। इसी तबके के हित में उन्होंने 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा की। स्वदेशी को बढ़ावा देने के संदेश के साथ आत्मनिर्भरता का जो मंत्र दिया, उसके जरिए अब भारत इस राह पर चल पड़ा है। शीघ्र ही भारत पूरी दुनिया का मैन्यूफैक्चि रिंग हब बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के माध्यम से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के पीड़ित हिंदू एवं अल्पसंख्यक समुदाय को गरिमापूर्ण जीवन प्रदान करते हुए भारत के नागरिकता के वर्षो के सपने को साकार किया।
उन्होंने कहा कि अभूतपूर्व संकट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभूतपूर्व फैसले लिए। 80 करोड़ गरीबों, किसानों, महिलाओं, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों और समाज के विभिन्न तबकों को व्यापक हित में 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज से लाभान्वित किया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि संकट के इस दौर में पूरे देश को एक सूत्र में पिरोते हुए इस महामारी से लड़ने के लिए दूरदर्शिता के साथ और भी कई साहासिक एवं सकारात्मक निर्णय उनके द्वारा लिए गए।
योगी ने कहा कि अन्नदाता किसानों के आर्थिक हितों की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू करने के साथ-साथ उनकी समृद्धि के लिए किए गए अभूतपूर्व कार्यो के साथ उनके बेहतर भविष्य के लिए भी कई निर्णय लिए गए। कोरोना संकट के दौरान उनके यशस्वी नेतृत्व का ही नतीजा रहा कि वैश्विक मंच पर भारत की पहचान और मुकम्मल हुई।
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