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China’s poverty alleviation is a global contribution | चीन का गरीबी उन्मूलन एक वैश्विक योगदान है



बीजिंग, 24 सितम्बर (आईएएनएस)। इस समय कोविड-19 महामारी ने विशेष रूप से विकासशील और अविकसित देशों में गरीबी रेखा के नीचे धकेल दिए गए लोगों की संख्या पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है, जिनके पास कोई पर्याप्त सामाजिक कल्याण सहायता कार्यक्रम नहीं है।

जाहिर है, गरीबी एक अभिशाप है और संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने मानवता के लिए इस खतरे को महसूस किया है। साल 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाया गया सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी), सबसे व्यापक और महत्वाकांक्षी गरीबी उन्मूलन योजना है जिसे पूरी दुनिया ने अपनाया है। सभी देशों ने इस मुद्दे को हल करने और इसे मिटाने के लिए ठोस उपाय करने के लिए अपनी नीतियों को तैयार किया है।

बहरहाल, गरीबी उन्मूलन में सफलता पाने के बाद चीन गरीबी उन्मूलन में अग्रणी देश बन गया है। चीन का लक्ष्य अति गरीबी को खत्म करना है और साल 2020 में सभी पहलुओं में एक समृद्ध और खुशहाल समाज का निर्माण पूरा करना है। गरीबी उन्मूलन में चीन की उपलब्धियों और प्रयासों ने न केवल गरीबी उन्मूलन के वैश्विक कारण में योगदान दिया है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए व्यावहारिक महत्व का उदाहरण भी पेश किया है।

पिछले सात दशकों में, चीन ने 85 करोड़ लोगों को सफलतापूर्वक गरीबी से बाहर निकाल दिया है, जो वैश्विक गरीबी उन्मूलन का 70 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। साल 2019 के अंत में, चीन के ग्रामीण क्षेत्रों में वंचित लोगों की संख्या साल 2012 में 9.9 करोड़ से 55 लाख तक गिर गई।

समझना होगा कि चीन ने एक नया मानदंड स्थापित किया है, और बाकी दुनिया इसका अनुसरण कर सकती है। यदि चीन जैसे बड़े और पूर्व-साधनहीन राष्ट्र में गरीबी उन्मूलन किया जा सकता है, तो अन्य देश भी ऐसा कर सकते हैं। चीन गरीबी को दूर करने के लिए अपने बहुमूल्य अनुभव को साझा करने के लिए तैयार है और किसी भी अनुकूल और जरूरतमंद राष्ट्र को हर संभव सहयोग प्रदान करता है।

कोविड-19 ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को गहरी चोट पहुंचायी है, जिससे दुनिया भर में और अधिक गरीबी पैदा हो रही है। चीन ने न केवल कोविड-19 को काबू में किया है, बल्कि आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए नियमित आर्थिक गतिविधियों को बहाल करने की पूरी कोशिश कर रहा है। विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने के बाद, चीन अन्य देशों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं को पुनर्जीवित करने में मदद करने की स्थिति में है।

यूएन द्वारा निर्धारित गरीबी उन्मूलन के लक्ष्य को चीन ने 10 साल पहले ही हासिल कर लिया है, जिसे कई देशों और संयुक्त राष्ट्र ने बहुत सराहना की है। चीन वैश्विक सहयोग में एक सक्रिय भूमिका निभाना जारी रखा हुआ है, जैसे कि सामग्री, वित्तीय सहायता, व्यक्तिगत सहायता, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, जैसे संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और विश्व खाद्य कार्यक्रम के माध्यम से अन्य देशों के गरीबी उन्मूलन के प्रयासों में मदद देना।

लेकिन हमेशा की तरह, एकतरफावाद और संरक्षणवाद गरीबी उन्मूलन के वैश्विक कारण में रूकावट बनते हैं। दुनिया को शांत रहना चाहिए और महसूस करना चाहिए कि खुले सहयोग से ही हम संयुक्त विकास को अपना सकते हैं, जो कि गरीबी को खत्म करने का मूल तरीका है।

चीन की गरीबी में कमी के प्रयास कभी समाप्त नहीं होंगे, क्योंकि सभी रूपों में गरीबी को कम करना अभी भी पूरी दुनिया के लिए दीर्घकालिक कारण बना हुआ है। इस प्रकार मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति, लक्षित नीतियों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग करने के साथ मानवता के सामने आने वाली इस आम चुनौती से निपटना सभी देशों के लिए अपरिहार्य है।

(अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

— आईएएनएस



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