डिजिटल डेस्क छतरपुर । लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए शिक्षा विभाग अब बच्चों के घर पुस्तकें पहुंचाने की कवायद कर रहा है, ताकि बच्चे घर बैठकर पढ़ाई कर सके। गौरतलब है कि लॉक डाउन के चलते पिछले मार्च माह से ही सभी स्कूल बंद हैं। कोरोना वायरस के बढ़ते प्रभाव के चलते स्कूल कब तक खुल पाएंगे, अभी स्पष्ट नहीं है। शिक्षा विभाग के निर्देश पर प्राथमिक से लेकर माध्यमिक कक्षाओं तक के बच्चों को पुस्तकें बाटी जा रही है। जिले में अब तक 40 हजार बच्चों तक पुस्तकें वितरित जा चुकी हैं। आने वाले एक सप्ताह के अदर सरकारी स्कूलों में दर्ज सभी बच्चों को उनकी कक्षाओं की पुस्तकें पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
ऑन लाइन चल रही पढ़ाई : स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को फिलहाल ऑन लाइन पढ़ाई करा रहा है, लेकिन ऑन लाइन पढ़ाई करने के लिए ज्यादातर बच्चों और उनके अभिभावकों के पास सुविधाएं नहीं होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। लिहाजा शिक्षा विभाग अब बच्चों को उनके घर पुस्तके पहुंचाकर यह कोशिश कर रहा है कि अगली कक्षा की पढ़ाई बच्चे घर बैठे ही शुरु कर सकें।
हर बच्चे के घर पहुंचेगी पुस्तकें : डीपीसी आरपी लखेर का कहना है कि विभाग द्वारा अभी तक विभिन्न कक्षाओं की 40 हजार पुस्तकें भेजी जा चुकी हैं। शासन से भेजी गई पुस्तकें शिक्षकों के माध्यम से बच्चों के घर पहुंचाई जा रही हंै। ताकि बच्चे अगली कक्षा की पढ़ाई घर पर ही शुरु कर सकें। आगामी दिनों में सभी बच्चों के घर तक पुस्तकें पहुंचाई जाएंगी।
2 लाख 30 हजार बच्चे दर्ज
जिले के 2600 से अधिक सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में 2 लाख 30 हजार बच्चों की संख्या पहली कक्षा से लेकर आठवी कक्षा तक दर्ज हैं। स्कूलों में दर्ज सभी बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। गौरतलब है कि बच्चों को ये पुस्तकें अप्रैल माह में शाला प्रवेशोत्सव के समय नि:शुल्क प्रदान की जाती है। इस साल कोरोना वायरस के चलते प्रवेशोत्सव नहीं मनाया जा सका, जिससे अप्रैल माह में बच्चों को किताबें नहीं वितरित की जा सकीं थीं।
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