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Digitization became a weapon of BJP’s campaign in the battle with Corona | कोरोना से जंग में भाजपा की मुहिम का हथियार बना डिजिटलाइजेशन



लखनऊ , 27 अप्रैल (आईएएनएस)। कोरोना संकट के कारण लागू पूर्णबंद में भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपनी राजनीतिक गतिविधियां काफी तेज गति से चला रही है और कोरोना को मात देने व अपनी मुहिम को जन-जन तक पहुंचाने के लिए डिजिटलाइजेशन को अपना हथियार बना रही है। यह हथियार विषम परिस्थितियों में भी बहुत कारगर साबित हो रहा है।

दरअसल, साल 2013 के बाद ही भाजपा अपनी रणनीति बदल ली। परंपरागत दल होने के साथ इसने आधुनिकता के साथ ताल-मेल बिठाया है। प्रचार और संपर्क के माध्यम ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप जैसे जितने भी डिजिटल हथियार थे, पार्टी ने सब पर अपना ध्यान केंद्रित किया।

साल 2014 में अमित शाह जब यूपी के प्रभारी थे, उसी समय यह कवायद शुरू हुई थी। उस समय पार्टी में सह-महामंत्री (संगठन) की भूमिका निभा रहे सुनील बंसल को इसे जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी मिली थी। लोकसभा चुनाव के बाद बंसल जब भाजपा संगठन के महामंत्री बने तो उन्होंने इस अभियान को और व्यापकता दी। उसका फायदा पार्टी को 2017 के विधानसभा और 2019 के लोकसभा चुनाव में भी मिला।

इस माध्यम से भाजपा का बूथ कार्यकर्ता राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर से सीधे जुड़ा है। अगर कोई भी संदेश और अभियान ऊपर से नीचे तक पहुंचाना है तो सिर्फ एक क्लिक पर यह संभव है। बंसल इसे लगातार मजबूत करते रहे। यह अभियान उन्हीं की देखरेख में चल रहा है। यह भाजपा का संपर्क और संवाद का सबसे बड़ा हिस्सा हो गया है। पार्टी को इसका फायदा कोरोना काल में भी मिल रहा है।

भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने बताया, डिजिटलीकरण का लाभ पार्टी को 2014 से ही मिलने लगा था। हमारे महामंत्री सुनील बंसल इसकी लगातार देखरेख कर रहे हैं। इस कारण कार्यकर्ताओं से संवाद में बहुत आसानी हो रही है।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में प्रदेश के करीब एक लाख 45 हजार बूथों में कमेटियां गठित हैं। ऐसे लगभग 40 लाख लोगों के मौजूद डाटा से पार्टी नेतृत्व का संदेश यानी एसएमएस या वॉयस कॉल के माध्यम से निचले स्तर पर आम कार्यकर्ताओं तक पहुंच जाता है।

मीडिया प्रभारी ने कहा, हमलोग ऑडियो ब्रिज के माध्यम से भी हम लोग बात कर रहे हैं। इसके अलावा हमारे यहां 40 लाख व्हाट्सअप ग्रुप बनाया गया था। जिसमें सूचनाओं का अदान-प्रदान हो रहा है। इसके अलावा विडियो कांफ्रेंसिंग की व्यवस्था पार्टी ने पहले ही कर रखी है।

उन्होंने बताया, हमारी पार्टी में करीब 19 हजार सदस्य बनाए गए हैं। 1900 से अधिक हमारे मंडल कार्यकारिणी सदस्य हैं, जो इस डिजिटलीकरण अभियान से नियमित जुड़े हुए हैं।

मनीष दीक्षित ने बताया कि हर क्षेत्र में मंडल अध्यक्षों के छह ग्रुप बने हैं। इसके अलावा प्रदेश पदाधिकारयों और सांसद, विधायक, मोर्चा, प्रकोष्ठ और विभागों के भी व्हाट्सअप समूह सक्रिय है। विभिन्न निगमों व बोर्ड आदि के अध्यक्षा एवं सदस्यों के ग्रुप भी बनाए गए हैं।

उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण में जो भाजपा का सेवा अभियान चल रहा है, उसमें डिजिटलीकरण की मुख्य भूमिका है। दीक्षित ने बताया, हमारे प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और महामंत्री संगठन सुनील बंसल डिजिटलीकरण के माध्यम से कार्यकर्ताओं से नियमित संवाद कर कोरोना संक्रमण काल में लोगों की मदद के लिए अपील कर रहे हैं।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेशक प्रेमशंकर मिश्रा ने बताया, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि डेटा नया आयल है। भाजपा की उप्र इकाई ने प्रधानमंत्री के इस मंत्र को आत्मसात किया। भाजपा ने न केवल चुनावी रणनीति के लिए, बल्कि अपनी संगठन क्षमता के विस्तार और मजबूती के लिए संचार क्रांति का भरपूर इस्तेमाल किया। सुनील बंसल की अगुवाई में यूपी में यह कवायद और मजबूत हुई। यही कारण है कि चाहे प्रचार अभियान हो या संगठनिक कार्यक्रम हो या विपक्ष पर हमले की रणनीति हो। भाजपा अपनी इस डिजिटल सेना व संपर्क क्षमता के भरोसे विपक्ष से कोसों आगे दिखती है।



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