Sports

Rijiju remembers Dhyanchand on National Sports Day | राष्ट्रीय खेल दिवस पर रिजिजू ने ध्यानचंद को किया याद



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू ने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर शनिवार को हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद को 115वीं जयंती पर याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर दिल्ली के मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में रिजिजू ने ध्यानचंद को याद किया। 29 अगस्त को भारत में हॉकी के इस महानायक के जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

रिजिजू समारोह के दौरान अन्य गणमान्य लोगों में शामिल हुए और उन्होंने स्टेडियम में एक खेलो इंडिया ई-पाठशाला को संबोधित करने के लिए भी समय लिया था। रिजिजू ने कहा, आज हम सभी के लिए, विशेष रूप से खेल समुदाय के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है। मेजर ध्यानचंद का भारत के लिए लगातार तीन स्वर्ण पदक और उनका अनुकरणीय कौशल और ²ढ़ संकल्प हर भारतीय को गौरवान्वित करता है। उन्होंने कहा, इस राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर, सरकार पुरस्कारों को स्वीकार करती है और मैं उन सभी पुरस्कार विजेताओं को बधाई देना चाहता हूं।

इस साल रिकॉर्ड 74 राष्ट्रीय खेल पुरस्कार प्रदान किए जा रहे हैं जिसमें पांच राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार भी शामिल हैं। यह पूछे जाने पर कि इस बार पुरस्कार विजेताओं की संख्या में भारी इजाफा देखने को मिला है, खेल मंत्री ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे एथलीटों का प्रदर्शन बेहतर हो गया है। जब हमारे खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें पहचाना जाना चाहिए और उन्हें पुरस्कृत किया जाना चाहिए। यदि सरकार उनकी उपलब्धियों को नहीं पहचानती है, तो यह हमारे भारत में होने वाली हर नवोदित खेल प्रतिभा को हतोत्साहित करेगा। पिछले वर्षों की तुलना में, भारतीय एथलीटों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। इसके परिणामस्वरूप पुरस्कार विजेताओं की संख्या भी बढ़ गई है।

उन्होंने कहा, उनके मंत्रालय का खेल पुरस्कारों को तय करने में कोई योगदान नहीं है और विजेताओं का चयन सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली एक स्वतंत्र समिति द्वारा किया जाता है। दूसरी बात, एक उचित प्रक्रिया होनी चाहिए जिसमें आप चुनाव करते हैं। खेल मंत्री ने आगे कहा, खेल पुरस्कारों के लिए समिति का नेतृत्व सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और खेल के क्षेत्र के सभी प्रसिद्ध लोग करते थे। जब वे कोई फैसला लेते हैं तो गहन विचार-विमर्श होता है, चर्चा होती है और इसके आधार पर दिशानिर्देश निर्धारित होते हैं। इसके आधार पर उन्होंने अपने फैसले का उपयोग किया है।



Source link

Share on Facebook
Tweet
Follow us