चंडीगढ़, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को राज्य के सभी 167 कस्बों और शहरों में 700 करोड़ रुपये के खर्च के साथ विभिन्न शहरी विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी।
इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए लंबित वैट आकलन के लिए एकमुश्त निपटान योजना की घोषणा के साथ 11,000 करोड़ रुपये के शहरी पर्यावरण सुधार कार्यक्रम (यूईआईपी) का चरण दो शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री ने परियोजनाओं को वर्चुअल तरीके से लॉन्च करते हुए कहा कि आबकारी और कराधान विभाग जल्द ही इस योजना को अधिसूचित करेगा, जिसे उनकी सरकार ने उन व्यवसायों की चिंताओं के मद्देनजर शुरू करने का फैसला किया है, जो उनके मूल्य वर्धित कर (वैट) आकलन और शिकायतों से संबंधित मुद्दों का तेजी से निवारण नहीं हो पाया।
यह देखते हुए कि शहर आर्थिक गतिविधि के केंद्र भी हैं, इसलिए व्यापार और उद्योगों पर ध्यान केंद्रित किया जाना आवश्यक है, उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने उद्योगों और कराधान विभागों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उपयोगकर्ता, उद्योग और व्यापारियों को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में जाने की जरूरत न पड़े।
अमरिंदर सिंह ने शहरों की सफाई सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया और सभी शहरों से घरेलू ठोस कचरे को अलग करने का आग्रह किया।
उन्होंने भारत सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार अच्छे प्रदर्शन के लिए नवांशहर की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि यूईआईपी योजनाएं, जिनके तहत पहले चरण में 3,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पूरी हो चुकी थीं, राज्य को शहरों के बुनियादी ढांचे और इसके निवासियों के जीवन में महत्वपूर्ण सुधार करने में मदद करेंगी।
940 स्थानों पर 45,000 से अधिक लोगों से डिजिटल रूप से जुड़े मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य को कोविड-19 के कारण उत्पन्न हुए वित्तीय संकट के बावजूद इन परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता हासिल करने में कामयाबी मिली है।
यह देखते हुए कि पंजाब की लगभग 40 प्रतिशत आबादी शहरों में रहती है, जिन्हें आमतौर पर विकास के इंजन के रूप में माना जाता है, अमरिंदर सिंह ने कहा कि परियोजनाएं शहरों में रहने वाले लोगों के कल्याण के लिए उनकी सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के अनुरूप हैं।
एकेके/एएनएम
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